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Showing posts from March, 2021

Sister

दीदी तो मां जैसी  होती  है  और  उसका  प्यार  ममता ही होती  है  उसकी डाँट पापा जैसी  उसकी सलाह दादा जैसी  वो हमजोली  भी दोस्त जैसी होती है  उसकी बातें बिल्कुल मेरे मन जैसी होतीं  हैं  और उससे दूरी कुछ  ग्रहन जैसी  होती है  अखिर जो  सबकुछ पूरा  कर दे  जिसमें  हर रिश्ता हो  वो बहन ही तो होती  है  मेरी दीदी भी मुझे माँ जैसी लगती  है।                                      With love :)                                                       Your brother                                                        ...

My shining star - mommy

Hey my shining star I miss you ,I miss you badly . sometimes when I need something ,sometimes when I messed up , sometimes when I saw other mothers caring for their child , sometimes when I want to eat homefood , sometimes when I want to being childish , sometimes when I want to share my happiness , sometimes when I fear for anything , sometimes when I wear different thing , sometimes when I cry a lot.. I miss the pronounciation of mummy  I miss the way you used to call me prachi but afterall I want to say that your little one is becoming irony from outside  and empty by inside day by day  .. Miss you mommy my strength ..       ' Shail ' Smriti

आशीर्वाद

भारतीय संस्कृति खुद में अनेक परंपराओं , आदर्शों , धूप छांव , ऊंचाई ,गहराई ना जाने क्या क्या समाहित किए हुए है । इसी असीम व्यापकता के साथ फैली भारतीय संस्कृति के सागर की एक लहर के रूप में हम आशीर्वाद की महत्ता को भी समाहित कर सकते हैं । आज हाई टेक्नोलॉजी के युग में शायद आशीर्वाद की महत्ता धीरे धीरे ही सही स्वयं में सिमटती नजर आ रही है । जहां hey, हैलो , whatsup जैसे शब्दों की प्रचलनीयता संबोधन कारक शब्दों के रूप में बढ़ी है वहीं इसने अपने साथ आशीर्वाद के दायरे को बखूबी समेटा है ।  किसी बुजुर्ग , अग्रज , मां , पिताजी के पैरों को छूने अथवा प्रणाम जैसे संबोधन कारी शब्दों  के अभिवादन के बाद पीठ पर फेरते हुए उनके हाथ और मुंह से निकले सकारात्मक शब्द जैसे - खुश रहो, सदैव सन्मार्ग पर चलो , बड़े बनो आदि  हममें अथाह ऊर्जा का संचार ही  नहीं करते थे वरन् हमारे नैतिक मूल्यों से भी दिन प्रतिदिन हमें रूबरू करवाते थे । आशीर्वाद के परिणाम स्वरूप निकली सकारात्मक ऊर्जा के अस्तित्व को विज्ञान ने भी स्वीकारा है । आशीर्वाद के परिणाम स्वरूप हम फला व्यक्ति के ह्रदय से संप्रेषित ऊर्जा को ग्रह...