Sister
दीदी तो मां जैसी होती है
और उसका प्यार
ममता ही होती है
उसकी डाँट पापा जैसी
उसकी सलाह दादा जैसी
वो हमजोली भी दोस्त जैसी होती है
उसकी बातें बिल्कुल मेरे मन जैसी होतीं हैं
और उससे दूरी कुछ ग्रहन जैसी होती है
अखिर जो सबकुछ पूरा कर दे
जिसमें
हर रिश्ता हो
वो बहन ही तो होती है
मेरी दीदी भी मुझे माँ जैसी लगती है।
With love :)
Your brother
शशांक
Dhyeya ias
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