Sister

दीदी तो मां जैसी  होती  है  और  उसका  प्यार  ममता ही होती  है  उसकी डाँट पापा जैसी  उसकी सलाह दादा जैसी  वो हमजोली  भी दोस्त जैसी होती है  उसकी बातें बिल्कुल मेरे मन जैसी होतीं  हैं  और उससे दूरी कुछ  ग्रहन जैसी  होती है  अखिर जो  सबकुछ पूरा  कर दे  जिसमें  हर रिश्ता हो  वो बहन ही तो होती  है  मेरी दीदी भी मुझे माँ जैसी लगती  है।                                      With love :)                                                       Your brother                                                        ...

Without you

पहर पहर और एक एक दिन 
कैसे बीता तुम बिन
समय का तो जैसे कुछ पता नहीं 
कब भोर हुई कब शाम ढली
तुम बिन रैनो की नींद गई
ना भूख रही ना प्यास रही
जबसे तेरा साथ नहीं 
मुझमें भी अब वो बात नहीं
ऐसा लगता है हर एक पल
अब मैं तो हूं पर मेरा आधार नहीं 

हर पग अब डगमग तुम बिन है
कहने को चलना हर दिन है 
कहने को चलना हर दिन है 
 - Shail Smriti 

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