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Showing posts from January, 2020

Sister

दीदी तो मां जैसी  होती  है  और  उसका  प्यार  ममता ही होती  है  उसकी डाँट पापा जैसी  उसकी सलाह दादा जैसी  वो हमजोली  भी दोस्त जैसी होती है  उसकी बातें बिल्कुल मेरे मन जैसी होतीं  हैं  और उससे दूरी कुछ  ग्रहन जैसी  होती है  अखिर जो  सबकुछ पूरा  कर दे  जिसमें  हर रिश्ता हो  वो बहन ही तो होती  है  मेरी दीदी भी मुझे माँ जैसी लगती  है।                                      With love :)                                                       Your brother                                                        ...

Mother

क़रीब हो मगर अब दिखती नहीं , जबसे तुम गई ; इस मोहल्ले खुशियां बिकती नहीं ।। बस्ती ऐसा भी नहीं कि खाली है भीड़ सी लगी रहती है पर तुम्हें तो पता है ना ! भीड़ किसी के लिए रुकती नहीं ।।             -शैल स्मृति

In memory of my mother

मां तू मेरा सवेरा सा  फिर क्यों यहां इतना अंधेरा सा मां मैं तेरा वो अंश  जो तेरे बिना ताउम्र अधूरा सा पर मां मेरे मन का इक कोना जो आज भी नहीं है सूना  तेरी हंसी  तेरी आंखें  तेरी हर इक बातें  तेरी परवाह तेरी सलाह  मेरी घंटों तकना राह  सब इस कोने में कैद है  बस ईश्वर का इतना ही अब मुझपे फ़ैज़ है  मां साथ ही चलेंगे  साथ ही हसेंगे  साथ ही रो लेंगे  साथ ही सब होगा  बस तू दिखेगी नहीं बाकी हर पल तेरा एहसास होगा ।।                                     स्मृति शैल ( मेरी लेखनी से)