Sister

दीदी तो मां जैसी  होती  है  और  उसका  प्यार  ममता ही होती  है  उसकी डाँट पापा जैसी  उसकी सलाह दादा जैसी  वो हमजोली  भी दोस्त जैसी होती है  उसकी बातें बिल्कुल मेरे मन जैसी होतीं  हैं  और उससे दूरी कुछ  ग्रहन जैसी  होती है  अखिर जो  सबकुछ पूरा  कर दे  जिसमें  हर रिश्ता हो  वो बहन ही तो होती  है  मेरी दीदी भी मुझे माँ जैसी लगती  है।                                      With love :)                                                       Your brother                                                        ...

One Day

चलते -चलते ,थकते -थकते ,रूकते -रूकते
उठते - उठते ;
कदम तुम्हारे पग -पग बढ़ते ।
आशा की भोर भी होती ,
कहीं कठिनाई की धूप चमकती ,
सांझ को जैसे निराशा जगती ,
तुम्हारी आंखें जैसे दिया चमकती ,
रोज धैर्य से रात धधकती ।
अब;
उगेगा सूरज तेरा ,
जिसका उजियारा चेहरा तेरा ,
देख !
कभी चली थी तू मंजिल के सहारे ,
आज मंजिल को सहारा तेरा ।।

Smriti Tiwari ( Meri lekhani Se)

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