Sister

दीदी तो मां जैसी  होती  है  और  उसका  प्यार  ममता ही होती  है  उसकी डाँट पापा जैसी  उसकी सलाह दादा जैसी  वो हमजोली  भी दोस्त जैसी होती है  उसकी बातें बिल्कुल मेरे मन जैसी होतीं  हैं  और उससे दूरी कुछ  ग्रहन जैसी  होती है  अखिर जो  सबकुछ पूरा  कर दे  जिसमें  हर रिश्ता हो  वो बहन ही तो होती  है  मेरी दीदी भी मुझे माँ जैसी लगती  है।                                      With love :)                                                       Your brother                                                        ...

Limitless childhood

किनारे किनारों से नहीं मिलते ,
पर लहरों से जुड़े ताउम्र रहते हैं ।
चेहरे से तो हम भी नहीं रहे अब बचपन में ,
पर खयालों से बच्चों के हमउम्र लगते हैं ।
  
   Smriti Tiwari (meri lekhani se)

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