Sister

दीदी तो मां जैसी  होती  है  और  उसका  प्यार  ममता ही होती  है  उसकी डाँट पापा जैसी  उसकी सलाह दादा जैसी  वो हमजोली  भी दोस्त जैसी होती है  उसकी बातें बिल्कुल मेरे मन जैसी होतीं  हैं  और उससे दूरी कुछ  ग्रहन जैसी  होती है  अखिर जो  सबकुछ पूरा  कर दे  जिसमें  हर रिश्ता हो  वो बहन ही तो होती  है  मेरी दीदी भी मुझे माँ जैसी लगती  है।                                      With love :)                                                       Your brother                                                        ...

friendship day

एक सफर की दौड़ में चलो आगे बढ़ते हैं
पर बीच बीच में छुट्टी लेके जरा दोस्तों  से मिलते हैं
तो क्या हुआ अगर आगे बढ़ने को हम शोलों पे चलते हैं
राहत के लिए ही तो रास्तों में दोस्त जैसे फूल खिलते हैं 
कुछ भी क्यों न हो रास्ते कुछ भी क्यूँ न हों मंजिलें
चलो साथ चलते हैं चलो साथ चलते हैं । 
                                                                       -Smriti Tiwari (meri lekhani se)

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