Hit the goal
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तुम क्यों डरते हो जरा कभी खुद से मिल के तो देखो तुम क्या हो ?
तुम आग हो तुमको ऐसा गौरव लक्ष्य मिला ,
ताकि अपनी काबिलियत इसको तुम आकार दो ,
आज इसी बात पे इस लक्ष्य को साकार दो ,
ये तुम जो अपने लक्ष्य से कभी कभी डर जाते हो ,
कभी लक्ष्य से पूछो-क्योंकि उसका कहना है ऐसा भला तुम क्यों कर जाते हो ,
क्योंकि वो जनता है तुम जो कहते हो वो नये इतिहास की तरह रच जाते हो ,
वो डरता है तुमसे क्योंकि उसको तुम उसकी परिभाषा बदलते नज़र आते हो ,
जरा तुम ही सोचो अगर तुम विरल नही तो दुनिया की भीड़ में तुम अजर ओज कैसे लाते हो ?
ईश्वर का वरदान हो तुम
आज ये मान लो तुम
दिशा में भर दो जीवन ऐसी शान हो तुम
हर एक जीत तुम्हरी इसकी गवाह है
की ईश्वर ने खुद लिखी तुम्हरी राह है
तुमको ऐसा गौरव लक्ष्य मिला ,
ताकि अपनी काबिलियत इसको तुम आकार दो ,
आज इसी बात पे इस लक्ष्य को साकार दो ,
तुम हर उलझन का त्याग करो
नये भव्य विहान का आगाज़ करो
सफलता बस तुम्हारी है इस पर तुम राज करो
तुम बस खुद पर विश्वास करो
अपनी काबिलियत से तुम जांबाज बनो
अपने समाज का साज बनो
तुमको ऐसा गौरव लक्ष्य मिला ,
ताकि अपनी काबिलियत इसको तुम आकार दो ,
आज इसी बात पे इस लक्ष्य को साकार दो ।।
Smriti Tiwari
Meri lekhani se
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