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Sister

दीदी तो मां जैसी  होती  है  और  उसका  प्यार  ममता ही होती  है  उसकी डाँट पापा जैसी  उसकी सलाह दादा जैसी  वो हमजोली  भी दोस्त जैसी होती है  उसकी बातें बिल्कुल मेरे मन जैसी होतीं  हैं  और उससे दूरी कुछ  ग्रहन जैसी  होती है  अखिर जो  सबकुछ पूरा  कर दे  जिसमें  हर रिश्ता हो  वो बहन ही तो होती  है  मेरी दीदी भी मुझे माँ जैसी लगती  है।                                      With love :)                                                       Your brother                                                        ...

रिश्ते : एक अहम हिस्सा

लोग  बदलते  हैं  और  रिश्ते  भी  और  हाँ  प्राथमिकताएं  भी   नहीं  बदलता कभी  तो  सिर्फ  अनुभव  रिश्ता  कैसा  चल  रहा   या  कैसा  होगा   तय  करता  नींव  कैसी  थी   कोई  मानवीय भाव  भी  थे  या  बस  जीवन  का बहाव था  कोई  आपसे  कभी  पूरा  मिला   या शायद कभी आधा  क्योंकि  वो  बस  बहाव  था   ना  थी  उसमें नींव और ना  ही कुछ  ज्यादा  कृपया रिश्ते  बनाएँ कम   निभाएं  ज्यादा।                         -  " शैल " स्मृति