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Showing posts from November, 2019

Sister

दीदी तो मां जैसी  होती  है  और  उसका  प्यार  ममता ही होती  है  उसकी डाँट पापा जैसी  उसकी सलाह दादा जैसी  वो हमजोली  भी दोस्त जैसी होती है  उसकी बातें बिल्कुल मेरे मन जैसी होतीं  हैं  और उससे दूरी कुछ  ग्रहन जैसी  होती है  अखिर जो  सबकुछ पूरा  कर दे  जिसमें  हर रिश्ता हो  वो बहन ही तो होती  है  मेरी दीदी भी मुझे माँ जैसी लगती  है।                                      With love :)                                                       Your brother                                                        ...

ज़िन्दगी के एक मोड़ पर

जब मन सुबह जब मन शाम कर लेते हैं  कुछ ऐसे हम ज़िन्दगी के जाम पी लेते हैं इनसे ना उनसे  बस खुद से मिलकर किस्से तमाम कह लेते हैं   कुछ ऐसे हम - - - -  रोना क्या ?हंसना क्या ? हम तो अपने मन को बस शांत कर लेते हैं कुछ ऐसे हम - - - - मोहब्बत के लिए बस मकाम है  बस उसी को रोज़ याद - और उसी के लिए काम कर लेते हैं कुछ ऐसे हम - - -  बड़ा नशा है मंजिल की राह से रोज़ फूल चुनने में हम ख़ार जब आये तो इत्मीनान कर लेते हैं  बस ऐसे ही ज़िंदगी के जाम पी लेते हैं ।।                         - स्मृति तिवारी (मेरी लेखनी )

Never Give Up - Try Some New Ideas To Get Out Of Your fear or failure

रात के अंधेरे में गुमनाम सी,  वो लड़की ! खुद को जिताने के लिये फिर एक बार  नए तरीके आजमाती रही ; होठों की हंसी को आंखों  से गाती रही,  आंखों के मोती से बालों को सजाती रही ।।                                             -   Smriti Tiwari                 (meri  lekhani se)