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Showing posts from February, 2019

Sister

दीदी तो मां जैसी  होती  है  और  उसका  प्यार  ममता ही होती  है  उसकी डाँट पापा जैसी  उसकी सलाह दादा जैसी  वो हमजोली  भी दोस्त जैसी होती है  उसकी बातें बिल्कुल मेरे मन जैसी होतीं  हैं  और उससे दूरी कुछ  ग्रहन जैसी  होती है  अखिर जो  सबकुछ पूरा  कर दे  जिसमें  हर रिश्ता हो  वो बहन ही तो होती  है  मेरी दीदी भी मुझे माँ जैसी लगती  है।                                      With love :)                                                       Your brother                                                        ...

Wait for it , everything will be going damn good

पतवार थोड़ी उलझी है भंवर के अफसाने में वक़्त थोड़ा ही बाकी है तेरे जमाने में तुझे क्या पता ! एक दिन जब तेरे अन्दर का दरिया फैलेगा ना जाने कितने ही मोती बिखरेंगे नज़राने में हार मत ! वक़्त थोड़ा ही बाकी है तेरे जमाने में क्या हारना  ! क्या जीतना ! ये तो कहानी बड़ी पुरानी है इससे परे परिभाषा तुझे बनानी है तेरा जन्म ही हुआ इस धरा को सजाने में बस वक़्त थोड़ा ही बाकी है तेरे जमाने में चलते हैं ,थकते हैं ,डरते हैं ,बुझते हैं बस तेरे ही कदम ऐसे हैं जो कभी ना रुकते हैं ये जान ले कोई योद्धा आज तक ना रुका रास्तों में चंद कांटे आने से थोड़ा सबर कर  वक़्त थोड़ा ही बाकी है तेरे जमाने में ।।                                                                                                          -(Smriti Tiwari) mer...